मैं भी मरूंगा
मैं भी मरूंगा,
और भारत भाग्य विधता भी मरेंगे,
मरना तो जन-गण-मन अधिनायक को भी पड़ेगा,
जब दानो में दूध और आमो में बौर आ जाता है,
या फिर तब-जब महुआ चुने लगता है या फिर,
तब जब वनबेला फूलती है,
नदी किनारे मेरी चिता दहक कर महके
और मित्र सब करें दिल्लगी,
कि ये विद्रोही भी क्या तगड़ा कवि था,
सारे बड़े-बड़े लोगों को मार कर तब मारा.
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